उत्तराखण्ड
5 मई 2025
चारों धामों के कपाट खुलने के साथ ही पंचबद्री में प्रमुख भविष्य बदरी धाम के कपाट खुले
चमोली। उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट खुलने के साथ ही पंचबद्री में प्रमुख भविष्य बदरी धाम के कपाट खुल गये हैं. ब्रह्म मुहूर्त पर मुख्य पुजारी संजय डिमरी की अगुवाई में सुभाई गांव के ग्रामीणों की मौजूदगी में आज सुबह 6 बजे विधि विधान के साथ मंदिर के कपाट खोले गये.
इस अवसर पर सुभाई भविष्य बदरी गांव के ग्रामीणों ने भगवान भविष्य बदरी को वैशाख मास की फसल गेहूं और जौ की बालियां अर्पित की. ज्योतिर्मठ प्रखंड के सुरम्य घाटी सुभाई गांव में स्थित आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित भविष्य बदरी मंदिर के द्वार भी बदरी नाथ धाम के कपाट खुलने के मुहूर्त पर खोले जाते हैं. बदरी विशाल के कपाट बंद होने की तिथि पर ही यहां के कपाट बंद होते है.भविष्य बदरी धाम के मुख्य पुजारी पंडित संजय डिमरी की अगुवाई में आज सुबह वेद मंत्रोच्चार के साथ 6 माह के ग्रीष्मकाल के लिए भगवान भविष्य बदरी धाम के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए हैं.
इस मंदिर से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता रघुवीर सिंह ने बताया आज की दिन सुभाई गांव में उत्सव का माहौल होता है. ग्रामीण मांगल गीतों के साथ अपने अपने घरों से वैशाख माह के अनाज गेहूं जौ की हरि बालियों को अपने आराध्य देव हरि विष्णु भगवान को अर्पित करते हैं. कपाट खुलने के बाद अब भविष्य बदरी धाम की 6 माह की नित्य दैनिक पूजाओं का दायित्व भी बदरीनाथ धाम की तरह बीकेटीसी की ओर से पुजारी संजय डिमरी निभाएंगे. उन्होंने बताया बदरीनाथ धाम की परम्परा की तरह ही सभी अभिषेक पूजा अर्चना यहां भी संपादित होती हैं. चार धाम यात्रा पर आने वाले अधिकांश श्रद्धालु इस पंच बदरी धाम में दर्शनों का पुण्य लाभ अर्जित करने बड़ी संख्या में आते हैं.
मान्यता है कि जोशीमठ में जो भगवान नरसिंह का मंदिर है, उस मंदिर में स्थापित भगवान नरसिंह के हाथ के कलाई टूट जाएगी. जिसके बाद बदरीनाथ धाम के पीछे मौजूद नर नारायण मंदिर आपस में मिल जाएंगे. जिसके बाद बदरीनाथ मंदिर अगम्य में हो जाएगा. लिहाजा, भविष्य बदरी मंदिर में भगवान बदरीनाथ प्रकट होंगे.