प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 12वीं बार लालकिले पर ध्वजारोहण किया, देश को स्वतंत्रता दिवस व श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 12वीं बार लालकिले पर ध्वजारोहण किया, देश को स्वतंत्रता दिवस व श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी

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दिल्ली
15 अगस्त 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 12वीं बार लालकिले पर ध्वजारोहण किया, देश को स्वतंत्रता दिवस व श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी
दिल्ली। भारत आज अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार 12वीं बार लालकिले पर ध्वजारोहण किया। वे लालकिले की प्रचीर से देश को संबोधित कर रहे हैं। पीएम मोदी ने भाषण में ऑपरेशन सिंदूर, आत्मनिर्भर भारत, जीएसटी बदलाव समेत तमाम मुद्दों का जिक्र किया। उन्होंने भारतीय सेना के शौर्य को नमन किया।

लाल किले की प्राचीन से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे मैक्रो इंडिकेटर्स मजबूत हैं। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी भारत की अर्थव्यवस्था पर विश्वास कर रही हैं। इसका लाभ मेरे देश के किसानोंए नारी शक्तिए मध्यम वर्ग को मिले, इस दिशा में हम नए प्रयास कर रहे हैं।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को स्वतंत्रता दिवस च श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दीं है।

लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे मैक्रो इंडिकेटर्स मजबूत हैं। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी भारत की अर्थव्यवस्था पर विश्वास कर रही हैं। इसका लाभ मेरे देश के किसानों, नारी शक्ति, मध्यम वर्ग को मिले, इस दिशा में हम नए प्रयास कर रहे हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं गर्व के साथ एक बात का जिक्र करना चाहता हूं। आज से 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ। 100 साल से राष्ट्र की सेवा। व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के संकल्प को लेकर 100 साल तक मां भारती के कल्याण का लक्ष्य लेकर संघ के लोगों ने मातृभूमि के कल्याण के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है। 100 साल से उसका देश की यात्रा में अहम योगदान है।

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने एक संकल्प लिया है, इसके लिए मुझे देशवासियों का आशीर्वाद चाहिए। क्योंकि समृद्धि कितनी ही हो, लेकिन सुरक्षा के साथ न हो तो इसका महत्व नहीं होता। मैं लाल किले से कह रहा हूं कि आने वाले 10 साल में यानी 2035 तक राष्ट्र के सभी अहम स्थलों जिनमें सामरिक के साथ साथ सिविलियन क्षेत्र भी शामिल हैं। जैसे अस्पताल, रेलवे, आस्था के केंद्र हों, उन्हें तकनीक के नए प्लेटफॉर्म द्वारा पूरी तरह सुरक्षा का कवच दिया जाएगा। ये सुरक्षा का कवच लगातार विस्तृत होगा। देश का हर नागरिक सुरक्षित महसूस करे, किसी भी तरह की तकनीक आ जाए, हमारी तकनीक उसका मुकाबला करने में सक्षम हो। मैं 2035 तक इसके लिए राष्ट्रीय कवच को विस्तार देना चाहता हूं। भगवान श्रीकृष्ण का जो सुदर्शन चक्र था, हमने उस चक्र की राह को चुना है। जब महाभारत की लड़ाई चल रही थी श्रीकृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से सूर्य के प्रकाश को रोक दिया था और दिन में ही अंधेरा कर दिया था। तब अर्जुन ने जो शपथ ली थी जयद्रथ का वध करने की, उसे वे पूर्ण कर पाए थे, यह सुदर्शन चक्र की वजह से हुआ था। अब देश मिशन सुदर्शन चक्र लॉन्च करेगा। यह सुदर्शन चक्र एक ताकतवर वेपन सिस्टम दुश्मन के हमले को न्यूट्रलाइज तो करेगा ही बल्कि दुश्मन पर कई गुना तेज पलटवार भी करेगा। हमने मिशन सुदर्शन चक्र के लिए कुछ मूलभूत बातें भी तय की हैं, हम 10 साल में उसे पूरी तेजी से आगे बढाना चाहते हैं। उसकी मैन्युफैक्चरिंग से लेकर पूरी रिसर्च देश में देश के लोगों द्वारा ही हो। वॉरफेयर के हिसाब से उसका हिसाब-किताब लेकर हम इस पर प्लस वन की नीति से काम करेंगे। सुदर्शन चक्र की एक खासियत थी कि उसका जो निशाना होता था, वहीं तक जाता था, और फिर वापस आ जाता था। हम भी सुदर्शन चक्र की तरह टारगेट के आधार पर आगे बढ़ेंगे।

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