उत्तराखण्ड
21 दिसम्बर 2025
मंसूरी में दो दिवसीय लंढौर मेला आयोजित
मसूरी। दो दिवसीय लंढौर मेला इस बार छावनी क्षेत्र के चार दुकान में आयोजित केवल एक पारंपरिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखंड की लोक-संस्कृति, स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को जोड़ने वाला जीवंत मंच बनकर उभरा. ग्रीन लाइफ संस्था और छावनी परिषद लंढौर के सहयोग से आयोजित मेले ने यह साबित कर दिया कि यदि लोकल उत्पादों को सही मंच मिले, तो वे देश-विदेश से आए पर्यटकों तक अपनी अलग पहचान बना सकते हैं.
प्राकृतिक सौंदर्य से घिरे चार दुकान क्षेत्र में आयोजित इस मेले में पहले ही दिन बड़ी संख्या में पर्यटकों और स्थानीय लोगों की मौजूदगी ने आयोजन की लोकप्रियता को दर्शाया. पहाड़ी दाल के पकौड़े, पारंपरिक पहाड़ी थाली और स्थानीय व्यंजनों की खुशबू ने जैसे ही माहौल बनाया, वैसे ही हस्तशिल्प और ऑर्गेनिक उत्पादों ने खरीदारी को बढ़ावा दिया.
मेले की खास बात यह रही कि यहां लोकल हाथों से बने उत्पादों को प्राथमिकता दी गई. पालिकाध्यक्ष मीरा सकलानी ने कहा कि पहाड़ के स्थानीय कारीगरों और उत्पादकों को ऐसा मंच मिलना बेहद जरूरी है. प्राकृतिक वातावरण में आयोजित यह मेला पर्यटकों को न केवल खरीदारी का अवसर दे रहा है, बल्कि उन्हें उत्तराखंड की असली संस्कृति से भी जोड़ रहा है.
र्यटक हेमेश और कनिका ने बताया कि मेले में आकर उन्हें ‘रीयल उत्तराखंड’ को महसूस करने का अवसर मिला. सुहावना मौसम, पहाड़ी स्वाद और लोक संस्कृति ने उनके अनुभव को यादगार बना दिया. कुल मिलाकर, लंढौर मेला केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत, स्थानीय हुनर और सतत पर्यटन का संदेश देने वाला उत्सव बन गया है, जो आने वाले समय में पहाड़ की पहचान को और मजबूत करेगा.
