वर्षा के चलते मकान गिरने से 2 लोगों की दर्दनाक मौत

वर्षा के चलते मकान गिरने से 2 लोगों की दर्दनाक मौत

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उत्तराखण्ड
9 जुलाई 2023
वर्षा के चलते मकान गिरने से 2 लोगों की दर्दनाक मौत
काशीपुर। नगर में लगातार हो रही वर्षा के चलते मकान गिरने से 2 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई जबकि एक किशोरी गंभीर रूप से घायल हो गई है। मकान के मलवे में दवने की सुचना पर परिजनो में कोहराम मच गया। सूचना पर घायलों को ग्रामीणों ने रेस्क्यू करके मलबे से निकाला सूचना पर पहुंची पुलिस एवम प्रशासन की टीम ने मृतकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। जबकि घायल किशोरी को राजकीय चिकित्सालय में भर्ती करा दिया गया है जहां पर उसका उपचार चल रहा है किशोरी की हालत भी गंभीर बताई जा रही है। बता दें कि ग्राम मिस्सर वाला में भारी वर्षा के चलते नसीर शाह पुत्र वजीर शाह,निसार अहमद, शकील अहमद,के एक लाइन में मकान खड़े थे। तीनों ही मकान वर्षा के चलते गिर गए मकान में नसीर साह तथा उनकी पत्नी मोहम्मदी तथा उनकी नवासी मंतशा (18) वर्ष सोए हुए थे कि बीती रात्रि करीब 2रू00 अचानक मकान धड़ाम से गिर गया घटना में नसीर शाह पुत्र वजीर शाह 65 वर्ष मोहम्मदी 62 वर्ष पत्नी नसीर शाह की मकान के मलबे में दबने के कारण दर्दनाक मौत हो गई जबकि उनकी नवासी मंतशा गंभीर रूप से घायल हो गई। मकान गिरने से कोहराम मच गया आसपास के ग्रामीणों ने रेस्क्यू करके मलबे से तीनों को निकाला सूचना पर कुंडा थाना प्रभारी दिनेश फर्त्याल पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे जबकि तहसीलदार युसूफ अली प्रशासन की टीम के साथ मौके पर पहुंचे जब तक ग्रामीणों ने घायलों को मलबे से निकाल लिया था। दुर्घटना में नसीर शाह तथा उनकी पत्नी मोहम्मदी की मलबे में दबकर दर्दनाक मौत हो गई। जिनमें नसीर शाह, मोहम्मदी, मंतशा, नासिर, तथा नासिर की पत्नी, नासिर का पुत्र, नासिर की पुत्री, रहते थे। नासिर कि ससुराल ग्राम बैल जोड़ी की है नासिर अपने ससुर की तीजे की फातिहा में परिवार सहित शामिल होने गया था। जिसके चलते नासिर तथा उसकी पत्नी पर दोनों बच्चे आज सुरक्षित हैं अन्यथा वह भी दुर्घटना के शिकार हो सकते थे। नसीर शाह के पांच बेटे हैं बड़ा बेटा रईस अहमद, लईक अहमद, निसार अहमद, शकील अहमद, व नासिर पिता के साथ रहता था। उधर नवासी मंतशा के माता पिता की मृत्यु 7 वर्ष पूर्व में हो चुकी है।मंतशा का नाना नानी के सिवा कोई सहारा नहीं था।जिसके चलते मंतशा पचपन से ही नाना नानी के साथ रहती थी।

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