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समाचार पत्र ऐसोसियेशन ने की नियमित नियुक्ति की मांग

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उत्तराखण्ड
13 सितम्बर 2021
समाचार पत्र ऐसोसियेशन ने की नियमित नियुक्ति की मांग
देहरादून। कोरोनाकाल हो, निर्वाचन काल हो, बारिश का मौसम हो या शीतलहर चल रही हो, जिला सूचना कार्यालय, देहरादून का एक कर्मठ सिपाही ऐसा है जो हर वक्त पूरी मुस्तैदी से ड्यूटी पर डटा रहता है।इस आलेख मे बात की जा रही है इन्द्रेश चन्द्र शर्मा (कोठारी) की, जिससे मीडिया जगत का हर व्यक्ति अच्छी तरह से वाकिफ है।

इन्द्रेश कोठारी को नियमित नियुक्ति देने की मांग को लेकर लघु समाचार पत्र ऐसोसिएशन ने महानिदेशक, सूचना श्री रणबीर सिंह चौहान को ज्ञापन सौंपा है।
1- वर्ष 2008 से युवा कल्याण विभाग के माध्यम से है पदस्थ- इन्द्रेश कोठारी जिला सूचना कार्यालय मे युवा कल्याण विभाग के माध्यम से आउटसोर्स कर्मी के रूप मे पदस्थ है। इन्द्रेश वर्ष 13 वर्षों से 2008 से कार्यरत है।
2- कोरोनाकाल मे रविवार को भी रहता था ड्यूटी पर मुस्तैद- डेढ वर्ष के कोरोनाकाल मे दोनों लहरों के पीक पर रहने के दौरान लगभग सभी सरकारी कार्यालय कई हफ्तों तक बन्द रहे।

हजारों सरकारी कार्मिकों को घर पर रहने के दौरान पूरा वेतन मिला। लेकिन कोविडकाल मे आउटसोर्स कर्मी इन्द्रेश पूरे कोरोनाकाल मे रविवार को भी अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद रहा। इन्द्रेश की कर्मठता को देखते हुए जिलाधिकारी द्वारा “कोरोना वारियर्स” की उपाधि से विभूषित किया गया।
3- पैर मे फ्रैक्चर होने के बावजूद अपनी ड्यूटी पर रहा मौजूदरू- इन्द्रेश कोठारी की जिला सूचना कार्यालय में उपयोगिता की स्थिति इसी बात से समझी जा सकती है। कि निर्वाचन के दौरान उसके पैर मे फ्रैक्चर हो गया था। जिस कारण वह कार्यालय आने मे असमर्थ हो गया। तब जिला सूचना कार्यालय की गाड़ी इन्द्रेश को घर से लेने व छोड़ने जाती थी और उसने पूरे समय ड्यूटी की।
4- जिला सूचना कार्यालय का अधिकांश बोझ आउटसोर्स कर्मी इन्द्रेश के कन्धो पररू- जिला सूचना कार्यालय को एक हजार से अधिक समाचारपत्रों के अभिलेखीय रखरखाव से लेकर जिलाधिकारी के कार्यक्रमों ,बैठकों के न्यूज कवरेज की भी जिम्मेदारी है।
जिला सूचना मे पूर्णकालिक स्टाफ के तौर पर जिला सूचना अधिकारी प्रकाश सिंह भन्डारी के अलावा एक ड्राइवर, एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही पदस्थ है।

एडीआईओ के रुप मे वीरेंद्र सिंह राणा जी पदस्थ अवश्य है लेकिन उन्हें मुख्य सचिव के सूचना अधिकारी का भी दायित्व संभालना पडता है।

सूचना निदेशालय ने कार्यालय में लिपिक के रुप मे किसी को भी पदस्थ नहीं किया है। जबकि जिला सूचना कार्यालय में कम से कम तीन पूर्णकालिक लिपिकों की आवश्यकता है। हरेक पत्रकार निजी तौर पर वाकिफ है कि कार्यालय का अधिंकाश भार इन्द्रेश के कन्धो पर है।
5- कल सेकंड सटरडे को जिलाधिकारी के साथ उनके मसूरी दौरे पर रहा तैनातदृ कल 11 सितंबर को सरकारी कार्मिक सेकंड सटरडे का आनंद ले रहे थे। लेकिन इन्द्रेश ड्यूटी पर तैनात था ।

कल जिलाधिकारी ने मसूरी का दौरा किया था। जिलाधिकारी के दौरे के न्यूज कवरेज के लिए इन्द्रेश भी मसूरी गया था।
6- इन्द्रेश के पिता जुगलकिशोर जी भी सूचना मे रहे.है पदस्थ रू- इन्द्रेश सूचना विभाग के परिवार का ही एक अंग है। इन्द्रेश के पिता जुगलकिशोर ने दशकों तक सूचना विभाग में अपनी सेवाएं दी हैं। वह प्रशासनिक अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त है।
7- पूर्व मे भी दी जा चुकी है नियमित नियुक्ति ;- सूचना विभाग मे पूर्व मे अस्थायी कार्मिको को नियमित नियुक्ति दी जा चुकी है।
8- इन्द्रेश की आंखों में आ गई है खराबी, एम्स से चल रहा है इलाज रू- लघु समाचार पत्र ऐसोसिएशन द्वारा इन्द्रेश के लिए न्याय मांगे जाने के लिए ज्ञापन दिए जाने की मीडिया जगत में भिन्न भिन्न प्रकार की चर्चा हो रही है। कुछ साथियों का सवाल है कि इन्द्रेश के लिए न्याय की मांग अब क्यों उठाई गई है।

इस पर सभी साथियों को विदित होगा कि कम्प्यूटर पर अधिक काम करने की वजह से इन्द्रेश की आंखों में खराबी आ गई है। उसका एम्स श्रषिकेश मे इलाज चल रहा है। कुछ दिनो पूर्व ही एक आंख मे ग्यारह हजार कीमत में इन्जेक्शन लगाया है।
9-मानवीय दृष्टिकोण ,उपयोगिता, कर्मठता के आधार पर दी जाए नियमित नियुक्तिरू- लघु समाचारपत्र ऐसोसिएशन की पुरजोर मांग है कि मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए उपयोगिता व कर्मठता के आधार पर इन्द्रेश को स्थायी नियुक्ति दी जाए।लघु समाचार पत्र ऐसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री बिजेन्द्र कुमार यादव ने सभी पत्रकार साथियों से अपील की है कि इन्द्रेश को न्याय दिलाने हेतु अपना सक्रिय योगदान प्रदान करें।

akshat

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