17 दिसम्बर 2019
साल का आखिरी सूर्यग्रहण 26 को
पं0 मुदित क्षा (ज्योतिष आचार्य)
नैनीताल। साल का अंतिम सूर्यग्रहण आग के छल्ले के समान वलयाकार होगा। भारत में दस वर्ष बाद वलयाकार सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। यह दुर्लभ गोलीय घटना दक्षिण भारत के कुछ ही क्षेत्रों में देखा जा सकेगा जबकि अन्य हिस्सों से आंशिक सूर्यग्रहण नजर आएगा। आर्यभटट् प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) के पूर्व निदेशक डाॅ. वहाबउद्दीन ने बताया कि 26 दिसंबर को लग रहा सूर्यग्रहण सुबह करीब आठ बजे शुरू हो जाएगा और दोपहर बाद 1.35 बजे समाप्त हो जाएगा। वलायाकार सूर्यग्रहण देखने में बेहद सुंदर नजर आता है। इसमें चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह ढक नहीं पाता है। इस ग्रहण में सूर्य का अंदरूनी भाग तो छिप जाता है, लेकिन बाहरी भाग खुला रह जाता है। जिसके चलते यह आग के छल्ले के समान नजर आने लगता है और देखने में मनमोहक लगता है। इस ग्रहण को ‘रिंग आफ फायर’ भी कहा जाता है। भारत में वलयाकार ग्रहण तमिलनाडु, केरल व बेंगलुरू के कन्नूर, कोजिकोड, कोयंबटूर, डिंगीगुना, मदुरई व थनजावुर में नजर आएगा, जबकि देश के शेष हिस्सों में आंशिक दिखेेगा। पृथ्वी से आग के छल्ले की तरह नजर आएगा साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में दस वर्ष बाद वलयाकार सूर्यग्रहण लगने जा रहा है चंद्रमा के बीच की दूरी के बढने से वलयाकार ग्रहण होता है। जिसमें चंद्रमा व धरती की दूरी इतनी अधिक होती है कि चंद्रमा सूर्य को पूर्णरूप से ढक नही पाता है और जब धरती के नजदीक होता है तो उसका आभासीय आकार बड़ा होता है, जो सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता है। तब पूर्ण सूर्यग्रहण बनता है। चंद्रमा धरती के जितने करीब होगा पूर्ण सूर्यग्रहण की अवधि भी उतनी ही अधिक होगी।
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